Friday, November 23, 2012

मेरी गर्लफ्रेंड को घुमाने कहा ले जाऊ?



जब सिंगल था तो सोचता था, प्यार व्यार बस बकवास;

लड़की वडकी, चक्कर शक्कर (no pun intended) या पेक्षा बरा अभ्यास!

पर उसकी सुन्दर आखों को देख कर, न रह पाया मै अकेला;

और बिना सोचे, बिना समझे, मोल ले लिया ये झमेला!

अब सोचता रहता हु रातोमे, जब भी मै वक़्त पाऊ;

मेरी गर्लफ्रेंड को घुमाने कहा ले जाऊ?



सीसीडी में rush है, चोकोलेट रूम में दोस्त;

University के फोटोस तो करता है हर कोई पोस्ट!

लेवल ९ पर तो मैंने ही, कई couples की उड़ाई थी;

चतुश्रुंगी में तो सुना है, पूरी क्लास नज़र आयी थी!

काफ्फी स्टॉप पर जाके क्या रिश्ते की नुमाइश कराऊ?

मेरी गर्लफ्रेंड को घुमाने अब जाऊ तो कहा जाऊ?



आ गया आखरी सेम, अब जुदाई की बारी है;

मै तो टेंशन नहीं लेता, बस उसीको हुई बीमारी है!

बात बात पर जाने का जीकर, करके मुझे सताती है;

“आता नाही भेटला, तर मग केव्हा भेटणार?” कह कर बड़ा भगाती है!



बस अब हर पल ये प्रार्थना करता हु, के मै जल्दी चैन पाऊ;

और अगर सुन ही रहा है तो ये भी बतादे भगवान,

मेरी गर्लफ्रेंड को घुमाने कहा ले जाऊ?

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